न्यूज़ बस्तर की आवाज़@ आज हरियाली अमावस्या है। हिंदू धर्म में श्रावण अमावस्या का विशेष महत्व है। हरियाली अमावस्या श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि के अगले दिन मनाई जाती है।
इस दिन विशेष रूप से तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है।
श्रावण के महीने को पूजा-पाठ के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है।
हरियाली अमावस्या का महत्व
हरियाली अमावस्या का पर्व पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डालता है। आज के दिन पौधे लगाना शुभ माना जाता है। कृषि उपकरणों की भी पूजा होती है।
ये पर्व कृषि के महत्व को भी दर्शाता है। हरियाली अमावस्या हरियाली तीज के उत्सव से 3 दिन पहले आती है। ये मॉनसून के मौसम से जुड़ा है जो अच्छी फसल और सूखे की रोकथाम के लिए अहम है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण का महीना देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए शुभ होता है। श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या और श्रावणी अमावस्या भी कहते हैं।
हरियाली अमावस्या की तिथि
पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या की तिथि 16 जुलाई को रात 10.08 बजे से शुरू हो रही है। ये 18 जुलाई को 12:01 बजे समाप्त होगी। 17 जुलाई यानी आज उदया तिथि के आधार पर हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।
हरियाली अमावस्या पर शुभ संयोग
पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या का व्रत 17 जुलाई, सोमवार को रखा जाएगा। आज के दिन कुछ शुभ और खास संयोग बन रहे हैं। आज सोमवार है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या भी कहेंगे। सावन के दूसरे सोमवार का व्रत भी आज ही है। ये दिन पिंडदान और तर्पण के लिए शुभ माना जाता है। आज पौधे रोपना उत्तम होता है
हरियाली अमावस्या की पूजा के लिए एक साफ चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। शिव-पार्वती को धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें और उनकी आरती करें। आज शिव मंदिर जरूर जाएं और महादेव का आशीर्वाद लें।
हरियाली अमावस्या पर कौन से पौधे लगाना चाहिए ?
कैथ
कैथ का पौधा लगाएं। पौष्टिकता के साथ-साथ कैथ औषधीय दृष्टि से भी बहुत फायदेमंद होता है।
नीम
नीम का पौधा लगाना बहुत ही शुभ है। इससे मंगल के सभी दोष दूर हो जाते हैं। जीवन में मंगल ही मंगल होता रहता है।
बेल पत्र
बेल अर्थात बेल पत्र का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आपने घर के आसपास बिल्व पत्र का पेड़ लगाया तो आपको कई तरह के फायदे होते हैं। बिल्व पत्र के वृक्ष का नाम श्रीवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इसके घर के पास से धन-समृद्धि के योग बनते हैं।
पीपल
का पौधा। इससे बृहस्पति का दोष दूर होता है, सभी प्रकार के संकट मिलते हैं और जातक लंबी आयु प्राप्त करते हैं।
इमली
का पौधा भी बहुत शुभ माना गया है। इमली में कई औषधीय गुण होते हैं। जैसे इसका उपयोग घाव से जुड़ी बीमारी, सूजन, बुखार, आंखों से संबंधित बीमारी, मलेरियल, कब्ज, पेट से जुड़ी बीमारी, पेट से संबंधित बीमारी, गठिया, गठिया आदि में होता है। हर्बल वनस्पति पर आप केला, क्लिनिक, कदंब, नींबू, तुलसी, बरगद और आम का पौधा भी लगा सकते हैं।
कौन सा पौधारोपण से क्या होगा?
पीपल, नीम, बेल, नागकेशर, गुड़हल और अश्वगंधा (संतानप्राप्त)
ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, सागर, सागर और तुलसी (आरोग्य)
अशोक, अर्जुन, नारियल और वट वृक्ष (ऐश्वर्य और भाग्यशाली)
अक्षर, शंखपुष्पी, पलाश और ब्राह्मी ( बुद्धि)
नीम, कदंब और घने छायादार वृक्ष (सुखप्राप्त)
हरसिंगार/पारिजात, रातरानी, मोगरा और गुलाब (आनंद)
तुलसी, केला, बेल पत्र (धनप्राप्ति)
हरित वनस्पति के दिन पौधे का पौधा बहुत महत्वपूर्ण है। उपाय से ग्रह-नक्षत्र और पितृदोष शांत हो जाते हैं। वृक्ष-पौधे हमारी आस्था के साथ ही हमारी जीवन शक्ति से भी जुड़े हुए हैं।
हमारे पर्यावरण के लिए उपाय अत्यंत आवश्यक हैं। ईसाई धर्म के अनुसार अलग-अलग पेड़-पौधों में अलग-अलग देवताओं की उत्पत्ति होती है। हर दिशा में जड़ी-बूटियों के प्रयोग और उनकी नियमित रूप से देखभाल करके आप हर दिशा से अपार धन और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।