जिला नारायणपुर में सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप 5 माओवादियों ने किये आत्मसमर्पण जोनल डॉक्टर डिप्टी कमाण्डर एवं एलओएस सदस्य सहित 5 माओवादियों ने समाज की मुख्य धारा में जुड़ने की ली शपथ।
जिला नारायणपुर के कुतुल एवं इन्द्रावती एरिया कमेटी अन्तर्गत सक्रिय थे आत्मसमर्पित माओवादी।
वर्ष 2025 में जिला नारायणपुर अन्तर्गत अब तक कुल 97 बड़े/छोटे कैडर के माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50 हजार का चेक प्रदाय किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मुलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा
🟪 श्री सुन्दरराज पी. (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, श्री अमित तुकाराम काम्बले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर के मार्गदर्शन, श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री नरेन्द्र सिंह सेनानी 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री दुष्यंत राज जयसवाल सेनानी 29वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री राजीव गुप्ता 45वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री संजय कुमार 53वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री नवल सिंह 135वीं वाहिनी बीएसएफ, श्री कमल शर्मा 133वीं वाहिनी बीएसएफ एवं अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में नारायणपुर पुलिस द्वारा आईटीबीपी, बीएसएफ, एसटीएफ की संयुक्त बल साथ माओवादियों के विरूद्ध क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाव’’ अभियान चलाये जा रहे है।
🟪 नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर आज दिनांक 19.04.2025 को श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री सुशील कुमार नायक अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री मो0 ओबैदुल्लाह खान टूआईसी 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, उप पुलिस अधीक्षक, लौकेश बंसल,श्री अविनाश कंवर, डॉ. प्रशांत देंवागन, श्री मनोज मण्डवी, श्री आशीष नेताम, श्री कुलदीप बंजारे के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किये। आत्मसमर्पण करने पर सभी को प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। इस अवसर पर अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
🟪 आत्मसमर्पित के नाम/पद
1. दसरी ध्रुव पिता पंडरू उम्र 26 वर्ष निवासी कोंगे थाना सोनपुर जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- जोन डॉक्टर टीम डिप्टी कमाण्डर, ईनामी 2 लाख
2. छन्नू गोटा पिता स्व. ढेलू गोटा उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम चालचेर थाना ओरछा जिला नारायणपुर (छ.ग.)
पद- नेलनार एलओएस सदस्य, ईनामी 1 लाख
3. ज्योति वड्डे उर्फ कुटके पिता केये उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम पदमकोट थाना कोहकामेटा जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- जनमिलिशिया सदस्य ईनामी 1 लाख
4. सीता वड्डे पिता चैतू वड्डे उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम नेडपार थाना ओरछा जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- इन्द्रावती एलओएस सदस्य, ईनामी 1 लाख
5. इरपे उर्फ सुनीता वड्डे पिता स्व. कोसा वड्डे उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम कुड़मेल थाना ओरछा जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- इन्द्रावती एलओएस सदस्य ईनामी 1 लाख
🟪 छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति नियद नेल्लानार के वृहत प्रचार-प्रसार एवं बड़े कैडर के माओवादियों के आत्ससमर्पण पश्चात सरकार द्वारा उनको दी जा रही विभिन्न सुविधाओं से पुनर्वास की प्रक्रिया की सरलता से प्रभावित होकर ये सभी माओवादी आत्मसमर्पण किये है।
🟪 माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में लगातार चलाये जा रहे विकास कार्य तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुँचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमर्पण का बहुत बड़ा कारण है। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ने उन्हें नई उम्मीद दी है। आत्मसमर्पित माओवादी क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत रहे है।
🟪 आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की गोपनीय आसूचना है। आत्मसमर्पण कराने में नाराणपुर पुलिस एवं आईटीबीपी, बीएसएफ का विशेष योगदान है। इस प्रकार नक्सलियों का हो रहे आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सल मुक्त माड़ बचाव अभियान की कल्पना साकार रूप ले रहा है।
🟪 एसपी नारायणपुर श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने बताया कि सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए सोचा है, और ‘‘माड़ बचाओ अभियान” ने उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।