सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप 1 पुरूष माओवादि ने किया आत्मसमर्पण
माओवादियों के सीवाईपीसी रैंक के माओवादी ने समाज की मुख्य धारा में जुड़ने की ली शपथ।
जिला नारायणपुर के पूर्व बस्तर डिवीजन अंतर्गत कंपनी – 6 में सक्रिय था आत्मसमर्पित माओवादी।
इस साल कुल 104 बड़े/छोटे कैडर के माओवादियों ने किये आत्मसमर्पण
आत्मसमर्पित माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50 हजार का चेक किया गया प्रदाय और उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाई जाएगी।
🟪 नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर आज दिनांक 11.06.2025 को आईजी बस्तर श्री पी सुंदरराज, आईजी सीआरपीएफ श्री राकेश अग्रवाल,श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री राजीव कुमार कमाण्डेंट 195 वाहिनी सीआरपीएफ, श्री विक्रांत वर्मा 2nd इन कमांड 195 वाहिनी सीआरपीएफ,श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री ऐश्वर्य चंद्राकर,उप पुलिस अधीक्षक श्री मनोज मण्डावी के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने पर प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाई जाएगी। इस अवसर पर अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
🟪 आत्मसमर्पित के नाम/पद:-
भीमा उर्फ ढोलू उर्फ दिनेश पोड़ियाम पिता स्व. दुला उम्र 40 वर्ष जाति मुरिया निवासी तोण्डामरका पंचायत एलमागोण्डा थाना किस्टाराम जिला सुकमा (छ.ग.) पद- कम्पनी नं0 06 सीवाईपीसी ईनामी 10 लाख
🟪 माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में लगातार चलाये जा रहे विकास कार्य तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुँचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमर्पण का बहुत बड़ा कारण है। आत्मसमर्पित माओवादी पूर्व बस्तर डिवीजन क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत रहा है।
🟪 आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की गोपनीय आसूचना है। आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस एवं सीआरपीएफ का विशेष योगदान है। इस प्रकार नक्सलियों का हो रहे आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सल मुक्त माड़ बचाव अभियान की कल्पना साकार रूप ले रहा है।
🟪 एसपी नारायणपुर श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए सोचा है, और ‘‘माड़ बचाओ अभियान” ने उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों को सौंप देने का है जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।